संजय उवाच | Sanjay Uvach मेरा व्यक्तिगत चिट्ठा (Blog) है।
मैं पिछले करीब 32 साल (1992) से मीडिया में कार्यरत हूं। इस दौरान मैंने कई प्रतिष्ठित समाचार पत्रों के साथ काम किया या फ्रीलांसर के रूप में अपनी सेवाएं दीं। मैंने मध्य प्रदेश, राजस्थान औरकर्नाटक में काम किया है।
मूलरूप से मैं हिंदीभाषा का पत्रकार हूं। लेकिन हिंदी मेरी मातृभाषा नहीं है। मैं मानता हूं कि हिंदी राष्ट्रीय भाषा के रूप में स्वीकार्य होनी चाहिए क्योंकि यह देश की सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है और मुख्य संपर्क भाषा के रूप में इसका व्यापक उपयोग होता है।
पंजाबी मेरी मातृभाषा है और मैं अंग्रेजी भाषा का उपयोग भी करता हूं।
अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का समर्थक हूं लेकिन इसका दुरुपयोग करने के विरुद्ध हूं। वैचारिक अभिव्यक्ति संवैधानिक दायरे के भीतर रहते हुए सत्य के पक्ष में ही होनी चाहिए।