जानें तथाकथित Ninja Writing और इसे बेच कर दिखाए जा रहे लुभावने सपनों का सच

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इंटरनेट पर ब्राउजिंग करते हुए आपने जरूर ऐसे विज्ञापन देखे होंगे जो एक Ninja Writing तकनीक की बात करते हुए आपको चुटकियों में लेखन का महारथी बनाने का दावा करते हैं। क्‍या आपने कभी इस बारे में सोचा है कि आखिर यह क्‍या बला है और कैसे कोई रातों रात या चंद दिनों में लेखन का महारथी बन सकता है? मैंने इस झमेले पर थोड़ा दिमाग खपाया और सोचा कि देखूं आखिर ऐसा क्‍या है, जो 30 सााल तक लेखन के बावजूद मैं नहीं सीख पाया और कोई इसे 30 दिन में ही सिखाने का दावा कर रहा है। लंबी माथापच्‍ची के बाद जो सामने आया, उसे देखकर सिर पीटने का मन रहा है। आइए संक्षिप्‍त में आपको भी इस मगजमारी का हिस्‍सा बनने का अवसर देता हूं।

पहली काम की बात : निंजा राइटिंग का सच

निंजा राइटिंग नाम की कोई मान्यता प्राप्त या शैक्षणिक रूप से स्वीकृत स्किल नहीं है। यह एक मार्केटिंग टर्म है जिसका इस्तेमाल कुछ राइटिंग कोच और ऑनलाइन कोर्स बेचने वाले लोग आकर्षक और रहस्यमय अंदाज़ बनाने के लिए कर रहे हैं।

एक मार्केटिंग गिमिक (छल): “निंजा” शब्द तेजी, गुप्तता और महारत का भाव देता है। इसे “राइटिंग” के साथ जोड़कर एक ऐसी जादुई तकनीक का भ्रम पैदा किया जाता है, जो आपकी लेखन क्षमता को रातों-रात बदल देगी। यह लोगों को आकर्षित करने और उन्हें कोर्स खरीदने के लिए प्रेरित करने का एक तरीका है।

  • कोई नई या गुप्त विद्या नहीं: जो सिखाया जाता है, वह आमतौर पर लेखन की पारंपरिक और प्रभावी तकनीकों का ही मिश्रण है, जिसे एक नए और चमत्कारी नाम से पेश किया जाता है। इसमें क्‍या-क्‍या शामिल हो सकता है:
  • कॉपीराइटिंग की बुनियादी बातें: आकर्षक हेडलाइन लिखना, पर्सुएसिव लैंग्वेज का इस्तेमाल, कस्टमर के दिमाग में झाँकना (साइकोलॉजी)।
  • स्टोरीटेलिंग: कहानी के जरिए लोगों को जोड़ना।
  • SEO राइटिंग: सर्च इंजन के लिए ऑप्टिमाइज्ड कॉन्‍टेंट लिखना।
  • प्रोडक्टिविटी टिप्स: तेजी से लिखने के तरीके।

आपको सावधान क्यों रहना चाहिए?

ऐसे कोर्स और कोच अक्सर बहुत सारे रेड फ्लैग्स (चेतावनी संकेत) दिखाते हैं:

अतिरंजित वादे: “7 दिनों में फुल-टाइम इनकम पाएँ,” “सीक्रेट फॉर्मूले से लाखों कमाएँ।” वगैरह.. जबकि सच क्‍या है ? लेखन एक स्किल है जिसमें समय और मेहनत लगती है और यह कोई जादू की छड़ी नहीं है।

गुप्त “तरीके”: वे दावा करते हैं कि उनके पास ऐसी जानकारी है जो दुनिया में और कहीं नहीं मिलेगी। सच्चाई यह है कि लेखन की अच्छी तकनीकें किताबों, मुफ्त ब्लॉग्स और विश्वसनीय ऑनलाइन संसाधनों में आसानी से उपलब्ध हैं।

बहुत ज्यादा कीमत: अक्सर ऐसे कोर्स की कीमत उसके एक्चुअल वैल्यू से कहीं ज्यादा होती है। वे आपको यह एहसास दिलाने के लिए महंगे पैकेज बेचते हैं कि यही एक रास्ता है।

सफलता की गारंटी: कोई भी आपको लेखन में सफलता की गारंटी नहीं दे सकता। सफलता आपकी मेहनत, अभ्यास और मार्केट की मांग पर निर्भर करती है।

AI द्वारा रचित सांकेतिक तस्‍वीर

तो फिर क्या है असली “निंजा राइटिंग”?

असली “निंजा राइटिंग” कोई एक कोर्स नहीं, बल्कि लेखन के प्रति एक समग्र दृष्टिकोण है। यह वह स्किल सेट है जो एक अच्छे प्रफेशनल राइटर में होती है।

  • मूल बातें मजबूत होना: व्याकरण, वर्तनी, वाक्य संरचना और विराम चिह्नों का सही ज्ञान ही अच्‍छे लेखन की बुनियाद है।
  • क्लैरिटी (स्पष्टता): जटिल बातों को सरल और आसानी से समझ में आने वाली भाषा में कहना।
  • दर्शकों की समझ: यह जानना कि आप किसके लिए लिख रहे हैं और उनकी जरूरतें, दर्द और भाषा क्या है।
  • SEO का ज्ञान: ऑनलाइन लिखने के लिए यह जरूरी है कि आपको पता हो कि लोग क्या सर्च कर रहे हैं और सर्च इंजन कैसे काम करते हैं।
  • कहानी कहने का कौशल (स्टोरीटेलिंग): तथ्यों और जानकारी को एक रोचक कहानी के रूप में पेश करना।
  • लचीलापन: अलग-अलग प्लेटफॉर्म (ब्लॉग, सोशल मीडिया, ईमेल, वेबसाइट) के लिए अपनी शैली बदलने की क्षमता।
  • निरंतर अभ्यास और सीख: लेखन एक ऐसी कला है जिसमें हमेशा सुधार की गुंजाइश रहती है।

लेकिन ये क्‍या आपको अभी पूरी संतुष्टि नहीं मिली और लग रहा है कि मैंने भी यह बेहद सतही सी जानकारी देकर आपके साथ कोई छलावा किया है। ऐसा नहीं है। मैं अब आपको कुछ बेहद तकनीकी जानकारियां देने वाला हूं, जिससे आपको स्‍पष्‍ट समझ आएगा कि इस लेख को लिखने का मकसद वास्‍तव में क्‍या है?

नई पैकेजिंग में पुरानी शराब

जैसा मैंने शुरू में कहा, Ninja Writing कोई पारंपरिक या शैक्षिक रूप से प्रमाणित स्किल नहीं है। यह महज एक मॉडर्न राइटिंग कोर्स या राइटिंग शैली का मार्केटिंग टर्म है। इसका उपयोग कई ऑनलाइन राइटिंग कोच और ट्रेनिंग प्लेटफॉर्म एक खास तरह की चार स्तरीय (narrative, paragraphs, sentences, words) राइटिंग अप्रोच की सीढ़ी के तौर पर करते हैं।

यह रहा कथित तकनीक का पूरा सच

इस तरह के अभ्‍यास का मकसद लेखन को अधिक प्रभावी, आकर्षक और क्रिएटिव बनाना है, जो कि हम सभी करते हैं। लेकिन यह कोई जादुई फार्मूला या अलग स्किल नहीं है। यह केवल बेहतरीन लेखन की आम समझ और अभ्यास की एक ब्रैंडिंग है। Ninja Writing में लेखन के चार स्तर बताए जाते हैं: कथानक (narrative), पैराग्राफ, वाक्य, और शब्द। इन्हें सुधारकर शानदार लेखन तैयार किया जाता है। यह शैली रचनात्मक, स्ट्रक्चर्ड और प्रभावशाली लेखन को बढ़ावा देती है, परन्तु मूलतः यह मौलिक लेखन सुधार और पारंपरिक राइटिंग की ही उन्नत पहचान है।

चमकदार शुरुआत यानी Glittering Opening

लेखन का पहला पैराग्राफ तय करता है कि पाठक रुकेगा या स्क्रोल कर देगा। इसलिए शुरुआत में ही:

    • कोई चुभने वाला सवाल, चौंकाने वाला तथ्य या मजबूत बयान दें।
    • लंबे परिचय से बचें।
    • पाठक को सीधे मुद्दे पर ले जाएं।

    उदाहरण:
    ❌ “आज हम एक बहुत जरूरी विषय पर बात करने जा रहे हैं जो समाज के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।”
    ✅ “हर तीसरा भारतीय अपने पानी में जहर पी रहा है। और उसे पता भी नहीं।”
    (पहला उबाऊ है, दूसरा पकड़ने वाला।)

    लेख को खंडों में बांटना The Ladder

    एक अच्छा लेख कहानी की तरह सीढ़ीदार ढांचा बनाते हुए आगे बढ़ता है। हर पैराग्राफ पाठक को अगले पैराग्राफ तक खींचता है। इसमें:

      • हर पैराग्राफ में सिर्फ एक विचार हो।
      • पैराग्राफ छोटे रखें (2–4 पंक्तियां)।
      • हर पैराग्राफ का अंत ऐसा करें कि पाठक अगले में झांके बिना न रह सके।
      • यह तकनीक खास तौर पर न्यूज़, ब्लॉग और रिपोर्टिंग में बहुत असरदार होती है।
      वाक्य की ताकत The Power of the Sentence
        • छोटे और सीधे वाक्य लिखें।
        • एक वाक्य में एक ही विचार रखें।
        • भारी-भरकम शब्दों की जगह रोजमर्रा की भाषा इस्तेमाल करें।
        • “फालतू भराव” शब्द काट दें।

        उदाहरण:
        ❌ “इस तथ्य को लेकर यह कहना गलत नहीं होगा कि यह समस्या काफी गंभीर होती जा रही है।”
        ✅ “यह समस्या हर दिन गंभीर हो रही है।”
        कम शब्दों में वही बात ज़्यादा असरदार बन गई।

        अदृश्य ढांचा The Invisible Structure

          पाठक को दिखे या न दिखे, लेकिन अच्छे लेख में एक मजबूत ढांचा होता है:

          • आरंभ (Hook) — पकड़ने वाली शुरुआत
          • मध्य (Body) — तर्क, तथ्य, कहानी या विश्लेषण
          • समापन (Punch) — असरदार अंत, जो सोचने पर मजबूर करे
          • यह तकनीक लेख को “भटकने” से बचाती है। पाठक को शुरू से अंत तक एक सीधा रास्ता मिलता है।0

          अच्छे लेखन के लिए क्‍या है जरूरी

          अब हमने जान लिया है कि अच्‍छे लेखन के लिए क्‍या बुनियादी जरूरतें होती हैं। अक्सर इन निंजा कोर्स में यही बातें दोहराई जाती हैं जो किसी भी अच्छे लेखन के लिए जरूरी होती हैं। आइए इसे एक बार और आसान शब्‍दों में समझते हैं:

          • साफ और सटीक भाषा
          • मजबूत शुरुआत
          • शुरुआत से अंत तक उत्‍सुक्‍ता बनाए रखना
          • सख्‍त एडिटिंग, (Kill Your Darlings यानी ‘अपनी पसंदीदा लेकिन बेकार पंक्तियों को भी काट फेंकना’)
          • और अंत में असरदार निष्कर्ष देना
          बुनियादी बातों की नई पैकिंग से बना रहे बेवकूफ

          तो निंजा तकनीक सिखाने वाले क्‍या कर रहे हैं, वे महज इन्‍हीं बातों को लच्‍छेदार शब्‍दजाल बुनकर बेवकूफ बना रहे हैं। वे महज इन बुनियादी बातों को एक नई पैकिंग में पेश करके “निंजा” जैसा नाम दे दिया गया है, ताकि इसे कुछ अलग और ‘स्पेशल’ दिखाया जा सके। वास्तव में अच्छा लेखन किसी निंजा फॉर्मूले से नहीं आता, बल्कि रोज़ लिखने, पढ़ने और खुद को एडिट करने की ईमानदार प्रैक्टिस से आता है। भाषा पर पकड़, स्पष्ट सोच और सटीक शब्दों की समझ ही असली ताकत है। इसका कोई भी जादुई कोर्स या गुप्त तकनीक नहीं।

          निष्कर्ष और सलाह
          • “निंजा राइटिंग” जैसे आकर्षक नामों के छलावे से बचें। अगर लेखन का कोई कोर्स करना ही चाहते हैं, तो इसकी जगह “प्रफेशनल कॉपीराइटिंग,” “कंटेंट राइटिंग,” “डिजिटल मार्केटिंग राइटिंग” जैसे स्पष्ट नामों वाले कोर्स खोजें।
          • किसी भी कोर्स या कोच पर पैसा खर्च करने से पहले उनकी विश्‍वसनीसता यानी क्रेडिबिलिटी जरूर चेक करें। उनके पूर्व छात्रों की राय देखें, उनके काम के नमूने (पोर्टफोलियो) वगैरह जरूर देखें।
          • याद रखें, लेखन एक क्राफ्ट है, कोई जादू नहीं। इसमें महारत निरंतर अभ्यास, पढ़ने और फीडबैक लेने से आती है। मुफ्त संसाधनों (जैसे reputable blogs, YouTube channels, library books) का भरपूर उपयोग करें और लिखना शुरू कर दें।
          • लेखन को निंजा जैसा चमकदार नाम देने से वह आसान नहीं हो जाता। असली हुनर शॉर्टकट से नहीं, अभ्यास से बनता है।

          “इस लेख की रूपरेखा बनाने और शोध में कई एआई की मदद ली गई है।”