भारत की न्यू जीलैंड (India V NZ) के हाथों 3-0 से शर्मनाक पराजय की वजह एकदम साफ है। टी ट्वेंटी खेलने की मानसिकता और टेस्ट मैच खेलने का टैंपरामेंट नहीं होना इसका सबसे बड़ा कारण है। आइपीएल ने भारतीय क्रिकेट का सर्वनाश कर दिया है और यह पराजय इसका सबसे बड़ा प्रमाण है।
फटाफट क्रिकेट ने विकेट पर टिक कर खेलने की मानसिकता को खत्म कर दिया है। कभी स्पिन के महारथी कहलाने वाले भारतीय बल्लेबाज अब स्पिन खेलना ही भूल गए क्योंकि अब केवल लप्पेबाजी को क्रिकेट माना जाता है।
आइपीएल ने हमारे होम एडवांटेज़ को पूरी तरह खत्म कर दिया क्योंकि दुनिया भर के खिलाड़ी आकर भारत में आइपीएल खेलते हैं और वे अब यहां की परिस्थितियों से उतने ही परिचित हो चुके हैं, जितने स्थानीय खिलाड़ी होते हैं। उल्टा उन्होंने अब हमारे ही हथियारों को इस्तेमाल कर हमारी टीम को ध्वस्त करने का तरीका भी सीख लिया है।
शुरुआती स्तर पर प्रतिभाओं को निखारने का काम बंद होता जा रहा है। सबका लक्ष्य आइपीएल की टीमों में घुसना है न कि देश के लिए लंबे समय तक खेलना। नई पीढ़ी को पारंपरिक क्रिकेट खेलने की कोचिंग देना जरूरी है। ताकि टैस्ट किक्रेट जिंदा रहे।
इसके दुष्परिणाम सामने हैं। बूढ़े हो चुके कप्तान और सुपर सितारों को अब खुद रवाना हो जाना चाहिए।
न्यू जीलैंड के हाथों 3-0 की हार महज एक शुरुआत है। दक्षिण अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया से भी इसी तरह पिटने के लिए तैयार रहें।